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सिंचाई विभाग द्वारा निर्माणाधीन घाट में लापरवाही से गई दो बच्चियों की जान विस्थापित ऋषिकेश में।

विस्थापित की जनता में व्याप्त हुआ रोष ठेकदार और विभाग पर।

ऋषिकेश के विस्थापित में गंगा नदी के किनारे बन रहे पक्के घाट निर्माण कार्य क्षेत्र में आमजन के लिए सुरक्षा व्यवस्था न बनाए जाने का आरोप लगाते हुए। मृतक बच्ची की मां और स्थानीय लोगों ने दो बच्चियों की मौत का जिम्मेदार विभाग और संबंधित ठेकेदार को ठहराया है।

बीते रोज कोतवाली ऋषिकेश के आईडीपीएल पुलिस चौकी क्षेत्रांतर्गत रेड फोर्ट स्कूल के पास शिव मंदिर गली नंबर 6 आईडीपीएल निवासी तीन बच्चियां अंजली उम्र 10वर्ष, नेहा उम्र 13वर्ष और अंजली 14वर्ष में से दो बच्चियों की नदी में नहाने के दौरान डूब कर मौत हो गई थी। जिनमें से एक बच्ची को स्थानीय युवक द्वारा बचा लिया गया था। मृतक बच्ची नेहा की मां और स्थानीय लोगों ने निर्माणकर्ता और संबंधित विभाग पर आरोप लगाते हुए कहा कि स्नान घाट निर्माण स्थल के आसपास गंगा नदी में मशीनों से गहरे गड्ढे किए गए हैं जहां अधिक गहराई बन जाने के कारण नहाने गई बच्चियां गहराई अधिक होने के कारण डूब गई थीं। जिनमें से एक बच्ची को मौके पर एक युवक ने बचा लिया था।

मृतक बच्ची की मां पुष्पा ने बताया कि उनकी बच्ची नेहा ट्यूशन के लिए घर से निकली थी। रास्ते में उसकी दो अन्य साथी मिल गई थी जो उसे गंगा नहाने ले गई जहां वह नहाने के दौरान गहराई में चले जाने के कारण डूब गई। मृतक बच्ची की मां पुष्पा ने बताया कि निर्माण कार्य स्थल के पास गंगा में संबंधित ठेकेदार द्वारा मशीनों से गहरे गड्ढे किए गए हैं जहां गंगा का पानी भरा हुआ था बच्चियों को गहराई का पता नहीं चल पाया और वह गहराई में जाकर डूब गई। मृतक की मां और स्थानीय जनता ने ठेकेदार और संबंधित विभाग के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग करी है।

 

विजुअल:–निर्माणाधीन गंगा घाट और घटना स्थल।

 

बाइट:–पुष्पा, मृतक बच्ची की मां।

 

बाइट:–विक्की, एक बच्ची की जान बचाने वाला युवक।

 

बाइट:–हरि सिंह भंडारी, सामाजिक कार्यकर्ता।

 

बाइट:–ममता, पड़ोसी।

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