खूब हर्षोलास के साथ बनाया गया THDC का 37 व स्थापना दिवस ऋषिकेश में।
टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड (THDCIL) विदयुत क्षेत्र में सार्वजनिक क्षेत्र का प्रमुख उदयम है। इस कंपनी अधिनियम, 1956 के तहत जुलाई 1988 में पब्लिक लिमिटेड कंपनी के रूप में पंजीकृत किया गया था। टीएचडीसीआईएल को अक्टूबर 2009 में ‘मिनी रत्न श्रेणी। का दर्जा दिया गया था तथा जिसे भारत सरकार द्वारा जुलाई, 2010 में अनुसूची ‘ए’ पीएसयू में अपग्रेड किया गया था।
टीएचडीसीआईएल का प्रारंभिक अधिदेश 2400 मेगावाट के टिहरी हाइड्रो पावर कॉम्पलेक्स (टिहरीएचपीपी-1000 मेगावाट, टिहरी पीएसपी-1000 मेगावाट और कोटेश्वर एचईपी 400 मेगावाट) और अन्य जलविद्युत परियोनाओं का विकास, प्रचालन और अनुरक्षण करना था। तथापि, विदयुत क्षेत्र के व्यावसायिक माहौल में अवसरों और परिवर्तनों को देखते हुए, टीएचडीसीआईएल बहु-परियोजना संगठन के रूप में विकसित हुआ है, जिसकी परियोजनाएँ विभिन्न राज्यों के साथ-साथ पड़ोसी देश भूटान में भी विस्तारित हैं। इसने नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों और ताप विद्युत संयंत्रों से विद्युत उत्पादन में भी कदम रखा है।
वर्तमान में, टीएचडीसीआईएल के पास 09 परियोजनाओं (जल विद्युत, ताप, पवन और सौर) का पोर्टफोलियो है, जिनकी कुल क्षमता 4351 मेगावाट है। इसमें 1587 मेगावाट की प्रचालित परियोजनाएं (टिहरी एचपीपी-1000 मेगावाट, कोटेश्वर एचईपी 400 मेगावाट, ठुकवाँ एसएचपी 24 मेगावाट, पाटन पवन ऊर्जा फार्म-50 मेगावाट, देवभूमि द्वारका पवन ऊर्जा फार्म-63 मेगावाट और कसारगौड सौर ऊर्जा संयंत्र -50 मेगावाट) शामिल हैं और 2764 मेगावाट की परियोजनाएं
(टिहरी पीएसपी- 1000 मेगावाट, वीपीएचईपी 444 मेगावाट और खुर्जा 1320 मेगावाट)निर्माणाधीन हैं।
12 जुलाई 2024 को टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड अपना 37 वां स्थापना दिवस मना रहा है।
→ इसी वर्ष THDC देश के सबसे बड़े 1000 मेगावाट पंप स्टोरेज प्लांट (Tehri PSP)को कमीशन करने जा रही है।
> टिहरी पंप स्टोरेज प्लांट की कमिशनिंग के उपरांत THDCIL का पूरा टिहरी कॉम्प्लेक्स2400 मेगावाट क्षमता के साथ ऑपरेशनल हो जाएगा, जो की देश का सबसे बड़ा जलविद्युत कॉम्प्लेक्स होगा।
> इसी वर्ष टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड अपनी पहली थर्मल परियोजना 1320 मेगावाटखुर्जा उच्च ताप विद्युत परियोजना को कमीशन करने वाली है। इस परियोजना से संबंधित सभी महत्वपूर्ण कार्य जैसे रेलवे साइडिंग कार्य, बॉयलर लाइट अप, वैगन।
• टिपलर आदि और अन्य परिधीय गतिविधियां पूरी हो चुकी है। इस परियोजना की गणना देश की सबसे जल्द बनने वाली सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर परियोजना में की जाएगी।
→ भारत सरकार और अरुणाचल प्रदेश सरकार द्वारा टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड को अरुणाचल प्रदेश के लोहित घाटी में दो जलविद्युत परियोजनाओं, डेमवे लोअर-1750 मेगावाट और कलाई- 1200 मेगावाट को कार्यान्वित करने की जिम्मेदारी दी गई थी जिसका भी कार्य प्रगति पर है।
> वाटर स्पोर्ट्स को बढ़ावा देने के लिए टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड ने कोटेश्वर में हाई परफॉरमेंस कयाकिंग एवं कैनोइंग एकडेमी की स्थापना की है।
> मध्य प्रदेश के अमेलिया में टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड की कोयला खदानों में निर्धारित समय से छह महीने पहले ही वाणिज्यिक परिचालन शुरू हो चुका है और अब तक एनटीपीसी लिमिटेड के विभिन्न विद्युत संयंत्रों को 500 रेक कोयला सफलतापूर्वक भेजा जा चुका है ।
> इस वर्ष मानव संसाधन के क्षेत्र में उत्कृष्टता के लिए टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड को प्रतिष्ठित स्कोप पुरस्कार से नवाजा गया।
इस वर्ष टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड को छठे इलेट्स नेशनल एनर्जी समिट में ‘एडवांसमेंट इन ग्रीन मोबिलिटी’ के लिए प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
बाइट:–टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड कंपनी के अध्यक्ष एवं प्रबंधक निदेशक आर के विश्नोई।