ऋषिकेश

नागालैंड साहित्य महोत्सव में डॉ धीरेंद्र रांगड़ को सम्मानित किया गया।

ऋषिकेश। नागालैंड की सुरम्य वादियों में स्थित व्यावसायिक नगर दीमापुर के हिंदी नगर (पद्मपुखरी) में नागालैंड के गांधी ‘पद्मश्री’ पी. तेमजेम जमीर द्वारा स्थापित राष्ट्रीय भाषा हिंदी संस्थान तथा अखिल भारतीय सर्वभाषा संस्कृति समन्वय समिति के संयुक्त तत्वावधान में नागालैंड साहित्य महोत्सव का आयोजन किया गया, जिसमें ऋषिकेश के डॉ. धीरेंद्र रांगड़ को राष्ट्रभाषा हिंदी के संवर्धन में अप्रतिम अवदान के लिए ‘प्रज्ञा प्रतिष्ठा सम्मान’ से अलंकृत किया गया।

२० दिसंबर से २३ दिसंबर तक चले इस तीन दिवसीय राष्ट्रीय महोत्सव में देश भर के भाषाविदो, साहित्यकारो, पत्रकारों आदि ने शिरकत की। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि नागालैंड राष्ट्रीय भाषा संस्थान की निदेशक पी. तकलीला तथा विशिष्ट अतिथि बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष डॉ अनिल सुलभ ने की।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मैक्समूलर सम्मान से विभूषित एबीएस-4 के अध्यक्ष पंडित सुरेश नीरव ने कहा कि संस्कृति मनुष्यता की आत्मा होती है और भाषा इस आत्मा का संगीत होती है आज इस अधिवेशन में हम विभिन्न भाषाओं के सुर में सुर मिलाते हुए सुन रहे हैं यह अधिवेशन इस मायने से विभिन्नता में एकता का एक सार्थक महोत्सव बन गया है।

अधिवेशन में सम्मिलित हुए साहित्यकारों के स्वागत में प्रथम दिन प्राकृतिक सौंदर्य से अच्छादित विस्तृत प्रांगण में पारंपरिक नागालैंड लोक नृत्य का आयोजन किया गया, दूसरी व तीसरे दिन सर्वेभाषा कवि सम्मेलन, पुस्तक प्रदर्शनी, पुस्तक लोकार्पण तथा हिंदी कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में शयामल मंजूमदार, शंभू प्रसाद भट्ट स्नेहिल, अजय चौधरी, अमीना खातून, शुभ मंगल सुमन, पूजा भारद्वाज, विमल बहुगुणा, नीरज, धर्मेंद्र सिंह मैनपुरी, सरोजिनी चौधरी, अनीता प्रसाद, मधुसूदन आदि ने कविता पाठ किया।

 

*- डॉ धीरेंद्र रांगड़*

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